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लेखनी प्रतियोगिता -21-Dec-2022

अभी तक न कोई रुसवाई न कोई सुनवाई

है तो बस तनहाई ,तनहाई और तनहाई
मंजिल भी और हमसफर भी बस ये तन्हाई
भीड़ में रहूं या महफिल में मेरी हमसफर तनहाई
लोग मांगते है मुरादें पर मुझे पसंद हैं तन्हाई
मेरी रूह मांगती है तनहाई, तन्हाई बस तनहाई

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2 Comments

Gunjan Kamal

21-Dec-2022 10:25 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

Reply

Abhilasha deshpande

21-Dec-2022 10:19 PM

बेहद उम्दा

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